By Swati Namdeo and Group
"सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण" सर्वेक्षण का विषय - सुनपुरा गॉंव का हाउस होल्ड सर्वेक्षण सर्वेक्षण का दिनांक - १६/१२/२००७ सर्वेक्षण मे प्रयोग होने वाले उपकरन -
सर्वेक्षण का उद्देश - १) सुनपुरा ग्राम के निवासियो के जिवन स्तर के विषय मे जानकारी एकत्र करना । २) उनके व्यवसाय, घरेलु सामान और शिक्षा के स्तर की जानकारी प्राप्त करना । सर्वेक्षण का क्षेत्र - सर्वेक्षण के क्षेत्र का निर्धारण क्षेत्रिय शिक्षा संस्थान भोपाल द्वारा किया गया । हमारी टिम ने अपने सर्वेक्षण कार्य सुनपुरा और माधवपुरा मे सम्पन्न किये । सर्वेक्षण कार्यक्रम - सर्वेक्षण के क्षेत्र का चुनाव करने के पश्चात् सर्वेक्षण कार्यक्रम का संचालन आवश्यक था। इस हेतु हमने प्रश्नावली उपकरण का चुनाव मुख्यतः किया। प्रश्नावली का निर्माण इस तरह किया गया कि हमारे सर्वेक्षण का उद्देश्य पूरा हो सके। हमने गांव के २५ घरों का सर्वेक्षण किया। हमारे समूह में १० लोग थे, इन्हें भी दो-दो में बांट दिया गया और सर्वे कार्य किया गया। सुनपुरा ग्राम से एकत्र जानकारियां - १. सामान्य जानकारी - सामान्य जानकारी के अन्तर्गत हमने उत्तरदाताओं के नाम, पता, पारिवारिक विवरण, जन्म, स्थान, व्यापार-व्यवसाय, शिक्षा, धर्म, जाति आदि विषयों पर आधारित प्रश्नों को पूछ कर जानकारी एकत्र की। २. सामाजिक सर्वेक्षण - १. सुनपुरा गांव में शिक्षा - हमारे द्वारा किये गये सर्वेक्षण से यह ज्ञात हुआ कि सुनपुरा में एक विद्यालय है जो कि कक्षा आठवीं तक ही है। गांव के समस्त विद्यार्थी वहीं शिक्षा प्राप्त करते हैं। उच्च शिक्षा के लिए उन्हें विदिशा या अन्यत्र जाना होता है। लड़कियों का शिक्षा स्तर लड़कों की अपेक्षा कम था। २. धर्म - जिन घरों का हमने सर्वेक्षण किया वे सभी हिन्दू धर्म को मानने वाले थे। हालांकि गांव में अन्य धर्म लोग भी थे। गांव का मुख्य मंदिर हनुमान मंदिर है। एक अन्य मंदिर बेतवा नदी के किनारे है। ३. जाति - सुनपुरा ग्राम में जाति प्रथा अपने चरम रूप में थी। ग्राम के मुहल्ले उनकी जाति के आधार पर विभाजित थे। मुख्य जातियां थीं - राजपूत, कुशवाहा, काछी, पटेल, अहिरवार, धोबी, कुम्हार, वैष्णव। इनमें से राजपूत स्वयं को सर्वश्रेष्ठ मानते थे। ४. रीति-रिवाज एवं त्यौहार - गांव में सभी त्यौहार जैसे - दीपावली, होली, रक्षाबंधन, मकर संक्रांति, दशहरा जैसे त्यौहार मनाये जाते हैं। राष्ट्रीय त्यौहार की उन्हें अल्प जानकारी थी। ५. वेशभूषा - गांव की स्त्रियां साड़ी पहनती है एवं पर्दा प्रथा का प्रचलन है। पुरूषों में युवा पीड़ी पैंट सर्ट एवं वृद्ध कुरता-धोती पहनते हैं। ६. खान-पान - गांव में रोटी दाल खाने का प्रचलन अधिक है। हरी सब्जियों के प्रति जागरूकता कम है।
१. व्यवसाय - गांव का मुख्य व्यवसाय कृषि है। जिसमें गांव के उच्च वर्ग के पास स्वयं की कृषि भूमि उपलब्ध है। गांव के अन्य वर्ग के कुछ लोग इनके खेतों में मजदूरी का कार्य करते हैं तथा कुछ विदिशा जिले में प्रतिदिन खुली मजदूरी करने जाते हैं। २. यातायात (परिवहन) के साधन - यातायात के साधन का अभाव था लोगों के पास साइकिलें थी। केवल दो-तीन घरों में ही मोटर-बाईक थी। ३. बाजार - गांव के आसपास कोई बाजार नहीं था। अपनी दैनिक जरूरतों के लिए उन्हें विदिशा जाना पड़ता था। गांव की अन्य जानकारियां - १. घरों का स्वरूप - गांव के ज्यादातर मकान कच्ची मिट्टी के थे। जमीन पर गोबर की लिपाई थी और चूने, मिट्टी से दीवारों को रंगा गया था। घर की छत खप्पर तथा कवेलू से बनी थी। गांव में कुछ पक्के मकान थे। गांव के लगभग अस्सी प्रतिशत मकान कच्ची मिट्टी के थे तथा बीस प्रतिशत मकान ऐसे हैं जो पक्के है। २. ईंधन - सर्वे के आधार पर ज्ञात हुआ कि घरों में खाना पकाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल होता है। कुछ घरों में गैस का प्रयोग भी किया जाता है। चूल्हों के लिए लकड़ी का ईंधन के रूप प्रयोग किया जाता है। साथ ही गोबर के कण्डे भी ईंधन के रूप में इस्तेमाल किये जाते हैं। ३. कृषि - सुनपुरा ग्राम के अधिकांश व्यक्ति कृषि पर निर्भर हैं। वहॉ ज्यादातर गेंहू, तुअर दाल, मसूर, सोयाबीन एवं चने की खेती की जाती है। ४. मवेशी - मवेशी के रूप में भैंस, गाय एवं बकरियां थीं। सभी घरों में मवेशी नहीं थे। कुछ घरों में एक भी मवेशी नहीं थे। ५. घरेलू सामान लाना- सर्वेक्षण के आधार पर ज्ञात हुआ कि गांव में किनारे की दो दुकाने थीं एवं एक सरकारी राशन दुकान थी। ये अधिकांश अपना सामान यहीं से खरीदते थे। ६. पीने का पानी - पीने के पानी की व्यवस्था के लिए गांव में दो हैण्ड पंप हैं। गांव के बीच में एक कुआं है। कुछ लोग नदी से पीने का पानी लेकर आते हैं। एक हैण्ड पंप में पानी का स्तर बहुत नीचा था। कुएं के पस गंदगी थी। निष्कर्ष - पूरे गांव के सर्वेक्षण के पश्चात् यह ज्ञात हुआ कि ग्राम के लोग सामान्य जीवन यापन कर रहे हैं लेकिन अनेक समस्याओं से ग्रस्त हैं जैसे - १) गांव में सफाई की व्यवस्था। २) स्कूल की समस्या। ३) प्राथमिक अस्पताल नहीं है। ४) कुटीर उद्योग नहीं है। ५) लड़कियों की शिक्षा की समस्या। सुझाव - गांव में अस्पताल, स्कूल, पानी, गोदाम की व्यवस्था होनी चाहिए। सरपंच को चाहिए कि वह गांव के विकास के लिए काम करें। |